अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ में बिजली दरों को लेकर कांग्रेस नेता टी.एस. सिंहदेव द्वारा लगाए गए आरोप निराधार, भ्रामक और पूरी तरह से तथ्यों से परे हैं। भाजपा सरकार पर “अनैतिक भार” और “सामाजिक अन्याय” जैसे शब्दों का प्रयोग करना उनके राजनीतिक हताशा का प्रमाण है।
उपरोक्त प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि टीएस सिंह देव का मिथ्या आरोप है कि “बिजली की दरें बढ़ाकर जनता पर बोझ डाला जा रहा है”, जबकि छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में मात्र 1.89% की मामूली वृद्धि की गई है जो देशभर में सबसे कम है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सिर्फ 10-20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है, जो महंगाई दर से भी कम है। कृषि पंपों पर 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है, लेकिन किसानों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ा क्योंकि सब्सिडी पहले की तरह जारी है।
टी एस सिंहदेव के “कोयला, पानी, ज़मीन हमारी, फिर बिजली महंगी क्यों?” आरोप पर भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि संसाधन राज्य में उपलब्ध होना केवल एक पक्ष है। बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में हजारों करोड़ की लागत आती है। भाजपा सरकार ने इन क्षेत्रों में ₹9,400 करोड़ से अधिक का निवेश किया है, जिससे छत्तीसगढ़ आने वाले वर्षों में ऊर्जा सरप्लस राज्य बनने जा रहा है।टी एस सिंहदेव के कथन “भाजपा सरकार के आने से दरें हमेशा बढ़ीं” की कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए श्री सिसोदिया ने बताया कि 2003 से 2018 तक कांग्रेस ने कुल मिलाकर बिजली सुधारों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
सिंहदेव के कथन अनुसार ही 15 वर्षों में दरें 3.30 से 6.40 रु./यूनिट तक बढ़ीं यानी 94% की वृद्धि। इसके विपरीत भाजपा सरकार ने 2023 से अब तक सिर्फ 13% की वृद्धि की है , वो भी चरणबद्ध और तकनीकी सुधारों के साथ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ 0.2% की बढ़ोतरी कर अपनी पीठ थपथपाई, लेकिन उसी दौरान एटी और सी घाटा 23.14% तक पहुंच गए। भाजपा सरकार ने इन तकनीकी हानियों को घटाकर 13.79% पर ला दिया है जो पारदर्शिता और दक्षता का प्रमाण है।आगे उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सभी बकायेदारों पर सख्ती की है। विद्युत वितरण कंपनियों ने बड़े उद्योगों से क्लोज मॉनिटरिंग के तहत रिकवरी अभियान चलाया है। जबकि कांग्रेस सरकार के समय में ही अधिकांश बकाया बढ़े, लेकिन तब न तो वसूली हुई, न ही पारदर्शिता।
टीएस सिंहदेव के बयान “डेढ़ साल में तीसरी बार वृद्धि हुई” पर भारत सिंह सिसोदिया ने कहा कि बिजली दरों की समीक्षा हर वर्ष नियामक आयोग द्वारा होती है। ये कोई राजनीतिक फैसला नहीं, स्वायत्त संस्थान का निष्पक्ष निर्णय होता है। वृद्धि इतनी मामूली रही कि घरेलू बजट पर कोई असर नहीं पड़ा।ऊर्जा-गहन उद्योगों को कुछ राहत दी गई है ताकि रोजगार, निवेश और प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हो। साथ ही, प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत आम नागरिकों के लिए ₹1.08 लाख तक की सब्सिडी भी दी जा रही है, जिससे वे सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भर बन सकें।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीति स्पष्ट है , हर घर, हर खेत तक सस्ती, सतत और गुणवत्तापूर्ण बिजली । कांग्रेस को जनता को गुमराह करने से पहले तथ्यों का अध्ययन करना चाहिए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन, वितरण, पारदर्शिता और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मॉडल बनने की ओर अग्रसर है।