बलरामपुर। जिले के थाना रघुनाथ नगर अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पंडरी से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। गांव में रहने वाले लगभग 45 वर्षीय मंगरु खरवार की उसके ही सगे भतीजे संतोष खरवार (24-25 वर्ष) ने धारदार हथियार से निर्मम हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी ने शव को अपने ही घर के पीछे जमीन में गाड़ दिया।
रिश्तों को शर्मसार करने वाली घटना
थाना प्रभारी दुवेंद्र ठाकुर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मृतक मंगरु के माता-पिता पहले ही गुजर चुके हैं और वह अकेला जीवन बिता रहा था। आरोपी संतोष पहले भी अपने ही पिता की जान लेने की कोशिश कर चुका था। इस बार उसने अपने सगे चाचा को मौत के घाट उतारकर न सिर्फ रिश्तों को कलंकित किया है बल्कि पूरे गांव को दहला दिया है।
हत्या के पीछे अंधविश्वास की कहानी
थाना रघुनाथनगर में पदस्थ एएसआई अजय बघेल ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को हैरान कर देने वाला बयान दिया। आरोपी के अनुसार, मृतक अक्सर कहा करता था कि “मुझे यदि कोई मार देगा तो मैं 80 साल बाद अमर हो जाऊंगा और दूसरा जन्म लेकर फिर से जीवित हो उठूंगा।”इसी बात को सच मानकर आरोपी को डर सताने लगा कि आगे चलकर मंगरु उसके लिए खतरा बन जाएगा और किसी दिन उसे ही मार डालेगा। इसी अंधविश्वास और वहम के कारण उसने चाचा को मौत के घाट उतार दिया।
खौफनाक अंदाज में अंजाम दी गई हत्या
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मृतक मंगरु की गर्दन और पेट पर गहरे धारदार वार किए गए थे। हत्या की बर्बरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरोपी ने पुलिस को बयान देते हुए कहा कि “यदि उसके पास और हथियार होता तो वह शव को और टुकड़ों में काट देता।”
गांव में दहशत और चर्चा
गांव में इस घटना के बाद से सनसनी का माहौल है। लोग आपस में यही चर्चा कर रहे हैं कि किस तरह अंधविश्वास और मानसिक विकृति इंसान को दरिंदे में बदल सकती है। परिजनों और ग्रामीणों ने मृतक मंगरु के लिए न्याय की मांग की है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है।