अंबिकापुर: जहाँ धन की भूख हो, वहाँ रिश्तों की कद्र नहीं होती” यही साबित कर दी एक बारात ने, जो दहेज की मांग पूरी न होने पर शादी का मंडप छोड़ चल दी। जी हां आठ मई की रात को उस वक्त एक खुशहाल माहौल गमगीन हो गया जब अंबिकापुर में एक शादी दहेज की लालच की भेंट चढ़ गई। चिरमिरी से आई बारात ने शादी के मंच पर वरमाला तो पहनाई, लेकिन जैसे ही दूल्हे पक्ष की ओर से दहेज की भारी मांग रखी गई, पूरा मामला पलट गया। मांग पूरी न होने पर दूल्हा बारात लेकर बिना शादी किए लौट गया।
मिली जानकारी के अनुसार, कोरिया जिले के चिरमिरी निवासी रवि की शादी अंबिकापुर की भारती से तय हुई थी। बारात नमनाकला पहुंच चुकी थी। धूमधाम से वरमाला कार्यक्रम भी हो गया था, लेकिन इसके बाद लड़के वालों ने लड़की के पिता से 2 लाख रुपए नकद, सोने की चेन, अंगूठी और एक फोर व्हीलर वाहन की मांग रख दी।
लड़की के पिता ने अपनी असमर्थता जताई और हाथ जोड़कर मिन्नतें करते रहे, लेकिन दहेज लोभी दूल्हा और उसके परिवार ने एक न सुनी। वे दहेज न मिलने पर शादी तोड़कर बारात समेत लौट गए। जाते-जाते धमकी भी दे गए कि “ज़्यादा जोर करोगे तो नीला ड्रम याद है ना”, जिससे परिवार और ज्यादा डर गया।
दूल्हा एक सरकारी उपक्रम SECL में पदस्थ है। शादी टूटने के बाद लड़की का परिवार सदमे में है। पीड़ित पक्ष ने अंबिकापुर कोतवाली में शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि दहेज उत्पीड़न की धाराओं के तहत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
यह घटना एक बार फिर समाज में दहेज प्रथा की कड़वी सच्चाई को उजागर करती है। जब वरमाला के बाद भी रिश्ता सिर्फ पैसों की कीमत पर तोड़ा जा सकता है, तो यह न केवल लड़की और उसके परिवार के लिए अपमानजनक है, बल्कि समाज के लिए भी शर्मनाक है।अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में दोषियों पर किस तरह की सख्त कार्यवाही करती है, ताकि आने वाले समय में ऐसे लालची मानसिकता के लोगों को सबक मिल सके।